अंक 001: काम

सामाजिक, राजनीतिक, बौद्धिक विचार के रूप में काम. इसके इतिहास और विकास की नारीवादी नज़रिए से छानबीन

मेरी मां के हाथ

शिवम को इंस्टाग्राम पर 16 mm फ़िल्टर मिला जिसे इस्तेमाल करके उन्होने अपनी मां के काम करते छोटे-छोटे वीडियो बनाने शुरू किए, खासकर उनके हाथों के. “मेरी मां हमेशा से ही ऑफिस जा रही हैं. लॉकडाउन पहला ऐसा मौका था जब वे लगातार हमारे साथ थीं.”

नारीवादी शिक्षा क्या है? आइए समझें.

देश के 25 लोग हमें बता रहे हैं कि वे कैसा महसूस करते हैं, क्या सोचते हैं, उन्हें क्या ध्यान आता है जब वे इन दो शब्दों को एक साथ सुनते हैं: नारीवादी शिक्षा.

खेलना भूलना मत! खेलना न भूलना.

खेल की अपनी ही एक अनोखी दुनिया है. यहां हार–जीत, उत्साह-निराशा, गुस्सा-ख़ुशी और तमाम तरह की चालाकियों का स्वागत है. और लक्ष्य सिर्फ एक, अपना सबसे बेहतरीन खेल खेलना.

दुकानदारी

मैंने एकदम से पीछे सड़क पर देखा, लाल और नीली बत्ती बजाती एक बड़ी जीप हमारी तरफ़ आ रही थी. लोगों में उथल-पुथल मच गई. शोर-शराबे के बीच भागते हुए सभी इधर-उधर बिखर गए.

काम या आराम: गैस पर देख लेना

मलयालम फिल्म #TheGreatIndianKitchen आजकल बहुत पसंद की जा रही है. हमने जब इसे देखा तो लगा कि क्यों न हम भी आपके साथ रसोई का एक चक्कर लगा ही लें.

वे महिलाएं जो फ़िल्म रचती हैं

क्या आपको वह आखिरी फिल्म याद है जिसे आपने देखा था? आपके द्वारा देखी गई वह कौन-सी अंतिम फिल्म थी जिसका निर्देशन किसी महिला ने किया था?

हैप्पी बर्थडे सावित्रीबाई

हैप्पी बर्थडे वाला लैटर

सावित्रीबाई फुले के 190th जन्मदिवस पर, आज के भारत की एक युवा लड़की ने उन्हें पत्र लिखा. सावित्रीबाई फुले पहली महिला अध्यापक थीं और भारत में लड़कियों के लिए स्कूल खोलने वाली भी पहली व्यक्ति थीं.

महिला किसान

अगर औरत किसानी कर सकती है, तो वह मालिक क्यों नहीं हो सकती?

कैसा दिखता है या दिखती है एक किसान? आपके मन में इसकी जो छवि उभरी है, मुमकिन है कि यह एक मर्द की छवि हो. यह कहना ठीक है कि यह एक रूढ़ छवि है.

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