जब हमने नारीवादी नज़रिए से अपराध को देखने के बारे मे सोचा तो पहला सवाल यही था कि आखिर इसका मतलब क्या है? अपराध से हम क्या समझते हैं? कौन है जो अपराधी कहलाते हैं? विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ ‘अपराध’ को उजागर करने, उसके उन्मूलन से जुड़े नए कानूनों के निर्माण और प्रभावी रूप से उसके लागू होने को लेकर नारीवादी संघर्ष बहुत लंबा है, ऐसे में उनकी नज़र में ‘अपराध’ का क्या मतलब होता है? क्या अपराध को देखने के नए तरीके भी हैं? और क्या कारावास ही आगे का रास्ता है?