मेरी कीमती चीज़

क्या आपने कभी ठहरकर उस कलम की ओर देखने की कोशिश की है जो किसी न किसी तरह से हर वक्त आपके आसपास होती है? कलम ही क्यों, कोई बैग, डायरी, झोला, दुपट्टा रोज़मर्रा की भाग-दौड़ में कभी ठहरकर देखें तो एक मीठा आश्चर्य होता है कि कैसे और कब कोई एक चीज़ इतनी खास हो जाती है कि वो हर वक्त हमारे पास होती है और हम उसमें अपने जीवन का विस्तार देखने लगते हैं. क्या इन सामान्य सी दिखने वाली वस्तुओं में हमारे जीवन का ताना बुना होता है?

कैसे और कब वो इतनी कीमती हो जाती हैं कि उससे एक रिश्ता जुड़ जाता है. ये न सिर्फ़ हमारे बीते हुए कल को थामे रखती है बल्कि आने वाले कल की भी संचालक होती है.

अप्रैल 2022 में मारा – बंगलौर स्थित एक सामूहिक कला केन्द्र – ने जेंडर आधारित हिंसा से जुड़े केसवर्कर्स के साथ एक थियेटर कार्यशाला आयोजित की. इस कार्यशाला में उत्तर-प्रदेश के बांदा, ललितपुर और लखनऊ ज़िले से 13 केसवर्कर्स ने भाग लिया. इस थियेटर कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों से कहा गया कि वे एक ऐसी वस्तु अपने साथ लेकर आएं जो उनके लिए बहुत कीमती है और बताएं ऐसा क्यों है. कार्यशाला में अगले कुछ घंटे हंसी-ठहाकों और सामूहिक मौन के बीच केसवर्कर्स ने अपनी एक खास और कीमती चीज़ के साथ जुड़ी यादों के बिखरे मोतियों को समेटना शुरू किया. उन्होंने बताया कि कैसे शादी के बाद अपनी कलम को वापस पाने की चाहत ने उन्हें शिक्षा से फिर से जोड़ा. उनकी कलम उनके लिए ऑक्सीजन का काम करती है. कैसे घरवालों द्वारा ‘डायरी’ के ज़बरदस्ती छीन लिए जाने और उसे वापस पाने की छटपटाहट उन्हें खुद के लिए खड़ा होने की हिम्मत और दृढ़ता देती है. और कैसे संयुक्त परिवार में सबसे छोटी लड़की हमेशा से छोड़े हुए मोबाइल फोन की ही हकदार बनती है. लेकिन, सपना तो खुद के पैसे से फोन खरीदने का है. जानिए, राजस्थान की एक बड़े परिवार में रहने वाली लड़की फोन को हासिल करने के लिए किस तरह की छलांग लगाती है!

कार्यशाला में रोज़मर्रा की वस्तुएं सभी केसवर्कर्स के जीवन की कहानियों में लिपटी पड़ी थीं जिसके रेशे-रेशे में उनके प्रतिबिम्ब को देखा जा सकता है. आइए वीडियो में जानते हैं उनकी कहानी उनकी ज़ुबानी.

द थर्ड आई की पाठ्य सामग्री तैयार करने वाले लोगों के समूह में शिक्षाविद, डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मकार, कहानीकार जैसे पेशेवर लोग हैं. इन्हें कहानियां लिखने, मौखिक इतिहास जमा करने और ग्रामीण तथा कमज़ोर तबक़ों के लिए संदर्भगत सीखने−सिखाने के तरीकों को विकसित करने का व्यापक अनुभव है.

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