मिथक या देवी के बीच: फूलन देवी
मुझे उस फूलन के दर्शन होने शुरू हुए जो शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन की फूलन से भिन्न थीं. फिल्म फूलन के जीवन में दर्द और हिंसा के चरम को प्रदर्शित करती है. फिल्म के अंत तक आते-आते फूलन एक वीरांगना के रूप में नज़र आने लगती हैं. उसके बाद के जीवन से दर्शक का संबंध वहीं खत्म हो जाता है. लेकिन फूलन देवी का जीवन उस फ़िल्म में दिखाई गई छवियों से कहीं ज्यादा बड़ा है.