लेकिन ये कहानियां यूं नहीं तैयार हो गईं. इसकी शुरुआत होती है हमारी एक वर्कशॉप से, जहां हम साइकी या अवचेतन के चश्मे से यौनिकता को देखने का मतलब क्या होता है और इससे हम क्या समझते हैं, जैसे प्रश्नों पर बातचीत करने बैठे थे. तभी हमने गेल रूबीन के चार्म सर्किल और जैक लकान के ‘मनाही कामुकता जगाती है’ के विचारों को भी विस्तार से जानने की कोशिश की कि कैसे ये हमें हमारी यौनिकता, हमारी चाहतों को समझने में मदद कर रहे हैं.
जया शर्मा और अर्चना द्विवेदी, हमारे दोनों मेंटर्स ने हमें खुद की ज़िंदगी में झांककर ऐसे पल या घटनाओं की ओर देखने को कहा, जहां हमें खतरे के बारे में मालूम था लेकिन फिर भी मज़ा आया, या मज़ा आया ही इसलिए क्योंकि वहां खतरा था. हमारा दावा है कि इन कहानियों को सुनकर आपके मन में भी ऐसे कई सवाल आएंगे और हो सकता है पहले से मौजूद कुछ सवालों के जवाब भी मिल जाएं. जो भी होगा ये अहसास, ये कहानियां अपनी सी लगेंगी.
दिल और दिमाग में इतनी चाहतें हैं पर अभी भी इनके बारे में बात करना आसान नहीं. यही वजह है कि इन कहानियों के ज़्यादातर लेखकों ने अपना नाम गुप्त रखने की गुज़ारिश की है इसलिए हमने उनके नाम बदल दिए हैं.
तो, हर हफ्ते बुधवार और गुरुवार को सुनिए, एक नई कहानी
निर्माता और संपादन:
माधुरी आडवाणी
फेसिलिटेटर :
जया शर्मा और अर्चना द्विवेदी
चित्रांकन:
तवीशा सिंह
संगीत:
QKThr Song by Aphex Twin
आवाज़:
जूही जोतवानी और माधुरी अडवाणी
विवरण:
सुमन परमार
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