
“मुझे लगा वो शर्मीली है, मगर उसने तो शिकायत दर्ज कर दी”
द थर्ड आई के साथ बातचीत में ‘पार्टनर्स फॉर लॉं इन डेवलपमेंट’ की मधु मेहरा सहमति, अस्वीकृति और चाहत को समझने में हमारी मदद कर रही हैं.
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जहां हम राज्य, कानून, जाति, धर्म, अमीरी–ग़रीबी और परिवार की मिलती बिछड़ती गलियों के बीच से निकलते हैं और उन्हें आंकते हैं. यह समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे ये ढांचे अपने आप को नए ढंग और नए रूप से संचित करते हैं, फैलते और पनपते हैं. इस सबमें पितृसत्ता जीवन के अलग–अलग अनुभवों पर कैसे अपनी छाप छोड़ती है.
द थर्ड आई के साथ बातचीत में ‘पार्टनर्स फॉर लॉं इन डेवलपमेंट’ की मधु मेहरा सहमति, अस्वीकृति और चाहत को समझने में हमारी मदद कर रही हैं.
घरेलू कामगार औरतों के अधिकारों के लिए संघर्ष करती, उत्तरी दिल्ली स्थित ‘राष्ट्रीय घरेलू कामगार यूनियन’ की संस्थापक, सुनीता रानी से बातचीत.
द थर्ड आई टीम को लॉकडाउन के पहले से ही घर पर होने वाले काम के बंटवारे को लेकर कई सवालों के जवाब पाने की धुन सवार है.