
स्कूल लौटती दो बुज़ुर्ग महिलाओं की बेजोड़ कहानी
शुवांगी खड़का की फ़िल्म ‘पढ्ने उमेर’ नेपाल में प्रौढ़ शिक्षा पर केंद्रित है. द थर्ड आई के साथ शुरुआती बातचीत में शुवांगी अपनी मां की कहानी कहना चाहती थीं. मां को भी पढ़ने का शौक है लेकिन घर-गृहस्थी में उलझकर उनकी पढ़ाई अधूरी रह गई. शुवांगी, खुद अपनी मां से यह सवाल करती हैं कि उन्होंने पढ़ना क्यों छोड़ दिया? पर, फ़िल्म शूट करने के दौरान उन्हें अपने इस सवाल का जवाब मिल जाता है.