चंबल मीडिया के सहयोग से हम लेकर आए हैं ‘लिटिल फ़िल्म शृंखला’. यह शृंखला हर दिखाई देने वाली चीज़ का दूसरा पहलू तलाशती है. किसानों की तरह ही प्रवासी मज़दूरों के बारे में भी सोचा जाता है कि वे अधिकतर मर्द ही होते हैं. जबकि वास्तविकता तो यह है कि इनमें से कम से कम 70% महिलाएं हैं. हम इनमें से दो महिलाओं और उनकी एक साइकिल से मिले जो बुंदेलखंड में अपने घर लौट पाईं.