ऐश्वर्या रेड्डी के दुखद देहांत ने, खासकर शिक्षा के संदर्भ में, भारत में मौजूद दो अलग-अलग दुनियाओं की डिजिटल तक पहुंच के फर्क को उजागर किया है. हम, निरंतर में, देश के अलग-अलग हिस्सों के टीचरों से बात करके उनके विचार और शिक्षा के लिए उनकी कोशिशें आप तक पहुंचा रहे हैं. टीचर टॉक्स के चौथे भाग में हम मिल रहे हैं पश्चिम बंगाल के बिर्भुम ज़िले की बिदीशा से. जहां वे अपने ग्रामीण छात्रों और अपनी शहरी टीचर दोस्तों द्वारा सुनाई जाने वाली कहानियों के बीच की डिजिटल असमानता को समझने की कोशिश करती हैं और दो सार हमारे सामने रखती हैं. पहला ये कि मोबाइल, शायद, ग्रामीण शिक्षा की नई बाईसाइकल समान है,” और दूसरी बात जिसे हम भूल न जाएं, “सब को पता होना चाहिए कि यहां कुछ भी ठीक नहीं है”.
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