रियाज़

नारीवादी सोच एक बहुरंगी चश्मा है जो हमारे जीवन के भिन्न और उलझते तारों को देखने में मदद करता है. यहां हम अपनी सामूहिक, सामाजिक कोशिशों को साझा करते हैं. विरोधी स्वरों, अपनी आकार लेती पहचानों और रोज़मर्रा के बदलते मौसम, भावनाओं को खोलते हैं. तिल भर में भी दुनिया को जानने का ज्ञान है – इस नज़र से भी ज्ञान को समझते हैं.

प्रीतियां

प्रीतियां

इस कॉलम को अंकुर संस्था के साथ साझेदारी में शुरू किया गया है. अंकुर संस्था द्वारा बनाई जा रही विरासत, संस्कृति और ज्ञान की गढ़न से तैयार सामाग्री की है और इसी विरासत की कुछ झलकियां हम इस कॉलम के ज़रिए आपके सामने पेश कर रहे हैं.

कामकाजी महिलाएं

कामकाजी महिलाएं

जुबान ने, जो एक नारीवादी प्रकाशक है, ‘द पोस्टर वीमेन प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत भारत के सभी राज्यों से महिला आंदोलनों के पोस्टर जमा किए. इन पोस्टरों में से ‘महिला और काम’ पर जमा हुए पोस्टर हमने सद्भावना ट्रस्ट की बेबाक लड़कियों को दिखाए.

होमाय व्यारावाला

होमाय व्यारावाला

पहली महिला पत्रकार पर फोटो आलेख, जिन्होंने फोटोग्राफी को काम के रूप में स्वीकार किया, अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाया.

राजम अक्का

राजम अक्का

ज़्यादातर लोग अपने आपको स्त्री-पुरुष के दो खानों में बंटे जेंडर की पहचान से जोड़ते हैं. वे या तो स्त्री की पहचान रखते हैं या पुरुष की.

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