टीचर टॉक्स: सीज़न 2. एपिसोड 2

मिलिए अपने घर की पहली शिक्षक असनारा खातून से

“जो अपने परिवार में पढ़ाई करने वाले पहले व्यक्ति होते हैं न वो थोड़े-थोड़े बेवकूफ होते हैं. उनको बस इतना पता होता है कि पढ़ना है. वे बस पढ़ते ही जाते हैं. इसका क्या करना है उनको कुछ पता नहीं होता.”

‘टीचर टॉक्स’ सीज़न दो के दूसरे एपिसोड में मिलिए पाकुर, झारखंड की असनारा खातून से जो अपने परिवार की पहली शिक्षिका हैं. पाकुर के एक ऐसे इलाके में जहां लड़कियों की पढ़ाई से ज़्यादा ज़रूरी उनको बीड़ी बनाने के काम में लगाना है, असनारा बस अपनी धुन में पढ़ती ही गईं.

द थर्ड आई की प्रस्तुति ‘टीचर टॉक्स’ वीडियो के ज़रिए हम क्लासरूम की औपचारिक शिक्षण व्यवस्था से भिन्न ऐसे शिक्षकों से आपकी मुलाकात करवाते हैं जो अनौपचारिक शिक्षण केंद्रों पर लड़कियों को पढ़ाने का काम करती हैं और जिनकी शिक्षा प्राप्त करने की अपनी एक अलग यात्रा है.

असनारा, शिक्षा प्राप्त करने वाली अपने परिवार की पहली पीढ़ी से हैं. दसवीं, बारहवीं की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने बी.ए. तक की पढ़ाई पूरी की. इस बीच उनकी शादी हो गई. लेकिन, शादी के तीन महीने बाद ही वो पति का घर छोड़ वापस अपने घर लौट आईं. यहीं से बतौर शिक्षक असनारा की नई यात्रा शुरू होती है.

टीचर टॉक्स सीरीज़ के अन्य एपिसोड यहां देखें.

द थर्ड आई की पाठ्य सामग्री तैयार करने वाले लोगों के समूह में शिक्षाविद, डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मकार, कहानीकार जैसे पेशेवर लोग हैं. इन्हें कहानियां लिखने, मौखिक इतिहास जमा करने और ग्रामीण तथा कमज़ोर तबक़ों के लिए संदर्भगत सीखने−सिखाने के तरीकों को विकसित करने का व्यापक अनुभव है.

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